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1978 संभल दंगों में आजम खान की भूमिका? भाजपा विधायक ने लगाए गंभीर आरोप, जांच की मांग

भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान पर 1978 संभल दंगों और उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर दंगों में कथित संलिप्तता का आरोप लगाया है। सक्सेना ने दावा किया कि आजम खान ने दंगों को भड़काया और आरोपियों को गिरफ्तार होने से बचाने में मदद की।

आजम खान पर गंभीर आरोप

सक्सेना ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है और इसे लेकर एक नई जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि 1993 में उत्तर प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद आजम खान के प्रभाव के चलते दंगों से जुड़े आठ मामले वापस ले लिए गए। उन्होंने यह भी कहा कि इन मामलों की फाइलें गायब हो गई हैं।

“मामलों की वापसी एक सामान्य प्रक्रिया नहीं थी, बल्कि आरोपियों को बचाने के लिए सुनियोजित कदम था,” सक्सेना ने कहा।

सियासी विवाद गहराया

इस आरोप के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने जहां आजम खान की भूमिका की जांच की मांग की है, वहीं सपा ने इन आरोपों को “बेसलेस” और “राजनीतिक साजिश” बताया है।

आजम खान इस समय कई आरोपों, जैसे कि घृणास्पद भाषण और भ्रष्टाचार, के चलते सीतापुर जेल में बंद हैं। सक्सेना के आरोपों से उनकी कानूनी समस्याएं और बढ़ सकती हैं।

1978 संभल दंगों की फिर से समीक्षा

हाल ही में, संभल के सिविल और पुलिस प्रशासन ने 1978 के दंगों से जुड़े मामलों की समीक्षा शुरू की है। यह दंगे 29 मार्च 1978 को संभल में भड़के थे, जब यह मुरादाबाद जिले का हिस्सा था। इन दंगों में कई मौतें और चोटें हुई थीं, और 169 एफआईआर दर्ज की गई थीं।

हालांकि, अधिकारियों ने कहा है कि एफआईआर, चार्जशीट और अदालत से जुड़े दस्तावेज़ जुटाने में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी हाल ही में इन दंगों से जुड़ी एक रिपोर्ट मांगी है।

क्या है सियासी दलों का रुख?

  • भाजपा: आजम खान की भूमिका की जांच की मांग।
  • सपा: आरोपों को राजनीतिक साजिश बताकर खारिज किया।

यह मामला अब प्रदेश की राजनीति में नई हलचल का कारण बन गया है और भाजपा ने इसे आगामी चुनावों के लिए बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश शुरू कर दी है।

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